Belpatra tree leaves: बेलपत्र के फायदे । इन 5 रोगों में है रामबाण दवा

Belpatra tree leaves benefits: शिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव की पूजा के में शिवलिंग (shivling) पर बेल पत्थर के पत्तों को चढ़ाया जाता हैं। हिन्दू धर्म मे तुलसी और पीपल के पेड़ की तरह ही बेल के पेड़ की भी पूजा की जाती है। (Belpatra uses) ज्यादातर लोग इस पेड़ के बारे में सिर्फ इतना ही जानते है। लेकिन बेल पत्थर के पेड़ को कई जटिल बीमारियों में औषधी के रूप में  प्रयोग किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको बेल पत्थर के पेड़ और पत्तियों के कुछ घरेलू उपाय (belpatra ke gharelu upay) बताएंगे जिनसे आप कई हैल्थ प्रॉब्लम को ठीक कर सकते है।

सिर दर्द में बेल पत्थर के फायदे । Belpatra tree leaves benefits in headache

सिर दर्द होने पर बेल पत्थर के पेड़ की सूखी जड़ लेकर उसको पानी के साथ पीसकर एक गाढ़ा पेस्ट बना ले। फिर इस पेस्ट का माथे पर लेप करें। ऐसा  कुछ दिन लगातार करने से पुराने से पुराना सिर दर्द भी ठीक हो जाता है। (belpatra tree  ke fayde) दूसरे उपाय में बेलपत्थर के कोमल पत्तों को लेकर उनका रस निकाल ले। फिर एक सूती कपड़े की पट्टी उस रस में तर करके माथे पर रखने से भी सिर दर्द में फायदा होता है।

सूगर में बेलपत्र के फायदे । Belpatra tree benefits in Diabetes

सूगर के रोगियों के लिए भी बेलपत्र के बहूत फायदे है। इसके लिए बेल पत्थर के ताजे पत्ते लेकर उनमे 5-7 कालीमिर्च मिलाकर अच्छी तरह पीसकर मिला ले। इस मिश्रण को सुबह खाली पेट पानी के साथ लेने से बहूत फायदा होता है। (Belpatra tree leaves benefits in hindi) दूसरे उपाय में बेलपत्र, हरड़, वेहड़ा तथा आंवला सबको 6-6 ग्राम की मात्रा में लेकर रात को 300 मल पानी मे मिट्टी के बरतन में भिगोकर रख दें। सुबह मसलकर छानकर आधी मात्रा शाम को लेने से इसमें आराम मिलता है।

शारिरिक कमजोरी होने पर । Belpatra tree benefits in weakness

शरीरिक कमजोरी, धातु दुर्बलता, खून की कमी और वीर्य कमजोरी होने पर बेलपत्थर के चमत्कारी परिणाम मिल सकते है। (weakness) इसके लिए बेलगिरी, अश्वगंधा और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना ले । फिर उसमें एक चौथाई भाग उत्तम केसर का चूरा मिला लें। इस मिश्रण की 4 ग्राम की मात्रा सुबह शाम लेकर ऊपर से दूध पी ले। शरीरिक कमजोरी कुछ ही दिनों में दूर हो जाती है। बेलपत्र के  पत्तो की चाय में जीरा और दूध मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है।

मूत्र रोगों में बेलपत्थर के फायदे । Belpatra uses in urine problems

पेशाब रुक-रुककर आना तथा पेशाब करते समय जलन होने जैसी समस्याओं में भी बेलपत्र के फायदे होते है। इसके लिए बेलपत्थर की 20-25 ग्राम जड़ लेकर उसको कूटकर रात्रि में 500 ml पानी मे भीगोकर रख दें। सुबह होते ही उसे मसलकर छान लें।इसमें आवश्यकता अनुसार मिश्री मिलाकर सुबह शाम पीने से  मूत्र जलन जैसी समस्याएं दूर हो जाती है।

डायरिया होने पर बेलपत्थर के फायदे । Benefits of Belpatra in Diarrhoea

सुखी बेलगिरी 50 ग्राम तथा सफेद कत्था 20 ग्राम दोनों के बारीक चूर्ण में 100 ग्राम मिश्री मिला लें। इसकी 1.5 ग्राम की मात्रा दिन में 3-4 बार देने से सभी प्रकार का डायरिया ठीक हो जाता है। (belpatra benefits in pregnancy) गर्भवती स्त्री को अगर डायरिया हो जाए तो 10 ग्राम बेलगिरी के पाउडर को चावल के धोवन जल के साथ पीसकर , थोड़ी मिश्री मिलाकर दिन में दो से तीन बार देने से गर्भवती स्त्री के डायरिया में फायदा होता है।

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