बरगद के पेड़ के 10अद्भुत फायदे।Banyan tree health benefits in hindi

Banyan tree health benefits in hindi: बरगद का पेड़ बहुत ही छायादार और लंबे समय तक रहने वाला पेड़ है। हिन्दू महिलएं बट साबित्री की पूजा के दौरान इसकी पूजा करती और यह अकाल के समय मे भी हरा-भरा रह सकता है। बरगद का पेड़ बहुत विशाल और बड़े बड़े पत्तों वाला होता है। आपने इसे घरों के आसपास और मंदिरों में देखा होगा।

वट वृक्ष के स्वास्थ्य लाभ।

आयुर्वेद के अनुसार, बरगद का पेड़ (Banyan tree health benefits) एक उत्तम औषधि भी है तो आप इससे कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। बड़ का पेड़ ही नहीं बल्कि की छाल, फल (bargad ka fal), बरगद के बीजऔर इसका दूध भी (bargad ka doodh) कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।

बालों की हर समस्‍या में बरगद के फायदे – Banyan Tree Health Benefits for Hair Problem

बड़ (banyan tree uses) की जटा और जटामांसी का चूर्ण 25-25 ग्राम , तिल का तेल 400 मिलीग्राम तथा गिलोय का रस 2 लीटर लें। इन सभी को आपस में मिलाकर धूप में रखें। पानी सूख जाने पर तेल को छान लें। इस तेल की मालिश करें। इससे गंजेपन की समस्या खत्म होती है और बाल आ जाते हैं बाल झड़ना बंद हो जाता है। बाल सुंदर और सुनहरे हो जाते हैं।

Banyan tree health benefits बालों की समस्या के उपाय

Banyan tree health benefits बड़ की जटा और काले तिल को बराबर मात्रा में लेकर मिलाये , खूब महीन पीसकर सिर पर लगाएं। आधा घंटे बाद कंघी से बालों को साफ कर लें। (Banyan tree fitness in hindi) अब सिर में भांगरा और नारियल की गिरी दोनों को पीसकर लगाएं। कुछ दिन ऐसा करते रहने से बाल लम्बे हो जाते हैं।

Banyan tree health benefits नाक से रक्त बहने पर

तीन ग्राम बरगद की जड़ की छाल का चूर्ण लस्सी के साथ पिएं। इससे नाक से खून आने की समस्या में लाभ होता है। (Banyan tree uses and health benefits in hindi) दस से बीस ग्राम तक वट वृक्ष की कोपलों या पत्तों को पीस लें। इसमें शहद और चीनी मिलाकर सेवन करने से खूनी पित्त में लाभ होता है।

बरगद के औषधीय गुण से बढ़ाएं चेहरे की चमक – Benefits of Banyan Tree in Hindi for Glowing Skin

वट वृक्ष (bargad ka ped) के 5-6 कोमल पत्तों को या जटा को 10-20 ग्राम मसूर के साथ पीसकर लेप तैयार कर लें। इससे चेहरे पर लगाने से उभरने वाले मुंहासे और झाइयां दूर हो जाते हैं। वट वृक्ष के पीले पके पत्तों के साथ, चमेली के पत्ते, लाल चन्दन, कूट , काला अगर और पठानी लोध्र 1-1 भाग में लें। इनको पानी के साथ पीसकर लेप करने से मुहांसे तथा झांईया दूर हो जाते हैं।

कील-मुँहासे ओर चेहरे के लिए

(Banyan tree health benefits in hindi)
निर्गुण्डी के बीज, बड़ के पीले पके पत्ते, प्रियंगु, मुलेठी, कमल का फूल, लोध्र, केशर, लाख तथा इंद्रायण चूर्ण को बराबर भाग में लें। इन्हें पानी के साथ पीसकर लेप तैयार करें। इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे चमक बढ़ जाती है।

दांतों के रोग में बरगद के पेड़ के फायदे – Benefits of Banyan Tree Bark for Dental Problem

10 ग्राम बड़ की छाल के साथ 5 ग्राम कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च लें। इन तीनों को खूब महीन पीसकर चूर्ण बना लें। फिर इसका मंजन करने से दांत का हिलना, दांतों की गंदगी, मुंह से दुर्गंध आना आदि विकार दूर होकर दांत स्वच्छ और सफेद होते हैं।

दांत रोगों में रामबाण बरगद

दांत में दर्द होने पर बरगद का दूध लगाने से इसमें आराम मिलता है। यदि किसी दांत को निकालना हो तो उस स्‍थान पर बरगद का दूध (bargad ka doodh) लगा दें। उसके बाद दांत को आसानी से निकाला जा सकता है।बरगद की जड़ की दातून बनाकर मंजन करने से भी दांत दर्द और मुंह से आने वाले दुर्गन्ध दूर हो जाती है।

बरगद के पेड़ से खांसी और जुकाम का इलाज – Bargad Tree Benefits in Cough and Cold

Banyan tree health benefits वट वृक्ष के कोमल लाल रंग के पत्तों को छाया में सुखाकर कूट लें। एक या डेढ़ चम्मच चूर्ण को आधा लीटर पानी में पकाएं। जब यह एक चौथाई रह जाए तो इसमें 3 चम्मच चीनी मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें। इसे सुबह-शाम चाय की तरह पीने से जुकाम व नजला दूर होकर मानसिक दुर्बलता भी दूर होती है।

खांसी -जुकाम में बरगद

बरगद की कोमल शाखाओं से शीत निर्यास तैयार करें। 10-20 ml मात्रा में इसका सेवन करने से कफ से होने वाली बीमारी में लाभ होता है। वट वृक्ष के 10 ग्राम कोमल हरे रंग के पत्तों को 150 ml पानी में खूब पीस लें। फिर इसे छानकर उसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पिलाने से हृदय रोगों में भी लाभ होता है।

बरगद के दूध से दस्त पर रोक Banyan tree health benefits

बड़ के दूध (bargad ka doodh) को नाभि के छेद में भरने और उसके आस पास लगाने से दस्‍त रुक जाती है।6 ग्राम वट वृक्ष की कोपलों को 100 मिलीग्राम पानी में घोंट लें। इसे छान कर इसमें थोड़ी मिश्री मिला लें। इसे पिलाने से तथा ऊपर से छाछ पिलाने से दस्‍त में लाभ होता है। छाए में सुखाए गए वट वृक्ष की छाल 3 ग्राम का चूर्ण तैयार करें। दिन में 3 बार चावलों के धोवन के साथ या ताजे जल के साथ इसे देने से दस्‍त में तुरंत लाभ होता है।वट वृक्ष की 8-10 कोपलों का दही के साथ सेवन करने से दस्‍त में लाभ होता है।

बरगद के पत्‍तों से खूनी बसासीर में लाभ – Banyan Tree Leaves Benefits in Piles)

Banyan tree health benefits इसके 25 ग्राम कोमल पत्तों को 200 ml पानी में घोंटकर पिलाने से 2-3 दिन में ही खून बहना बन्द हो जाता है। इसके पीले पत्तों की भस्म को सरसों के तेल में मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लेप करते रहने से लाभ होता है। 100 मिली बकरी के दूध में वट वृक्ष (bargad ka pedh) की 10 ग्राम कोपलों को मिला लें। अब इसे आंच पर पकाएं, जब केवल दूध शेष रह जाय तो उसे छान कर सेवन करें। इससे खूनी पित्‍त, बवासीर और दस्‍त में लाभ होता है।

Banyan tree health benefits बवासीर में बरगद से उपचार

वट वृक्ष की सूखी हुई शाखा को जलाकर इसका कोयला बना लें। इन कोयलों को बारीक पीसकर सुबह-शाम 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी के साथ देते रहने से बवासीर में लाभ होता है। कोयलों के चूर्ण को 21 बार धोये हुए मक्खन में मिलाकर मलहम तैयार कर लें। इस मलहम को बवासीर के मस्सों पर लगाने से मस्से बिना कष्ट के दूर हो जाते हैं।

सूगर (डायबिटीज) में बरगद की छाल के फायदे Banyan tree health benefits

20 ग्राम बरगद के फल का चूर्ण को आधा लीटर पानी में पकाएं। जब इसका आठवां भाग बच जाए तो उतार कर ठंडा होने पर छान कर सेवन कराएं।

ऐसा 1 महीने तक सुबह और शाम सेवन करने से डायबिटीज में लाभ होता है।बरगद की ताजी छाल के महीन चूर्ण में बराबर भाग खांड मिलाकर 4 ग्राम की मात्रा में ताजे जल के साथ सेवन करें। डायबिटीज में फायदा होता है।

डायबिटीज में बरगद के फायदे

बरगद के दूध को 1 बतासे पर डालकर खाएं, दूसरे दिन 2 बतासों पर 2 बूंदे, तीसरे दिन 3 बतासों पर 3 बूंद, 21 दिन तक दूध व बतासे बढ़ाते जायें। इसी तरह घटाते हुए एक बूंद और एक बतासे पर छोड़ दें। यह मधुमेह की विशेष औषधि (bargad ke ped ke fayde) है।इससे स्वप्नदोष दूर होकर वीर्य की वृद्धि होती है।

बड़ से सूगर का इलाज

बरगद के पके पीले पत्ते 2.5 किलोग्राम, 15 लीटर जल में 3-4 दिन भिगोने के बाद पकाएं। इसमें एक चौथाई पानी शेष रहने पर मसल छान लें। अब इस पानी को गाढ़ा होने तक फिर से पकायें।

इसे आंच से उतार कर इसमें गिलोय सत् (पानी में गर्म करने के बाद पानी में नीचे जम जाने वाला भाग) व प्रवाल पिष्टी 3 से 6 ग्राम तथा छोटी इलायची के बीज 2 ग्राम पीस कर मिलायें। इसकी 250 मिलीग्राम की गोली बना कर रख लें। सुबह शाम 1-1 गोली गाय की दूध या पानी के साथ सेवन करायें। इससे डायबिटीज में फायदा होता है।

मूत्र रोग (पेशाब रोग) में बरगद के बीज से फायदा Banyan tree health benefits

बरगद के फलों (bargad ka fal) के बीज को महीन पीस लें। इसे 1 या 2 ग्राम की मात्रा में, सुबह के समय गाय की दूध के साथ सेवन करें। इससे बार-बार पेशाब आने की समस्‍या दूर हो जाती है।

मूत्र रोगों में बढ़ के फायदे।Banyan tree health benefits

बड़ की जटा का बारीक चूर्ण बना लें। इसके 9 ग्राम में, कलमी शोरा, सफेद जीरा, छोटी इलायची के बीज लें। प्रत्येक का 2-2 चुर्ण ग्राम मिलाकर जल में घोंटकर 2-2 ग्राम की बाती बना लें। सुबह के समय गाय के गर्म दूध के साथ सेवन करने से रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या ठीक होती है और सूजाक में लाभ होता है।

बरगद के सेवन से मासिक धर्म रोग में फायदा – Uses of Banyan Tree in Menstrual Disorder

10 ग्राम बरगद की जटा के अंकुर को 100 मिलीग्राम गाय के दूध में पीस लें। इसे छानकर दिन में 3 बार पिलाने से मासिक धर्म विकार में लाभ होता है।
बरगद के 20 ग्राम कोमल पत्तों को 100 से 200 ग्राम पानी में घोटकर सुबह शाम पिलाने से तुरंत लाभ होता है। महिला या पुरुष के पेशाब में खून आता हो तो उसमें भी इसके सेवन से लाभ होता है। 3 से 5 ग्राम बरगद के कोपलों का काढ़ा बनाकर सुबह और शाम सेवन से माहवारी में लाभ होता है।

शरीर की मजबूती के लिए बरगद के फल के फायदे (Bargad for Body Weakness in Hindi)

वृक्ष के फलों को हवादार स्थान में कपड़े पर सुखाकर फिर इसका चूर्ण तैयार कर लें। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। 6 ग्राम चूर्ण सुबह गर्म दूध के साथ सेवन करेंगे तो वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन आदि विकार दूर होते हैं । तथा बल की वृद्धि (bargad ke ped ke fayde) होती है।

कमजोरी के लिए वट वृक्ष के फायदे

बड़ के पके फल व पीपल के फल, दोनों को सुखा कर महीन चूर्ण बना लें। 25 ग्राम चूर्ण को 25 ग्राम घी में भूनकर, हलवा बना लें । इसे सुबह और शाम को सेवन करने तथा ऊपर से गाय का दूध पीने से विशेष बल की वृद्धि होती है।

इसके चूर्ण में मिश्री मिला लें और इसकी 5-10 ग्राम तक की मात्रा लस्सी के साथ सेवन करें। इससे वीर्य का पतलापन दूर होता है ।

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